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VATAJATAM NAMAMI

"वातजातं नमामि"

 

प्रस्तुत काव्यकृति की लेखिका श्रीमती विद्या सिंह जी हैं। जिन्होंने चालीस वर्षों तक अनवरत शैक्षिक परिवेश में रहते हुए समय-समय पर अनेक स्फुट कविताओं, निबंधों एवं नाटकों की रचना की।

'वातजातं नमामि' आपकी दूसरी काव्य-रचना है। इससे पूर्व आपकी अत्यधिक लोकप्रिय रचना 'संभवामि युगे युगे' प्रकाशित हो चुकी है, जिसका औपचारिक लोकार्पण उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा जून, 2018 में वाराणसी में सम्पन्न हुआ था।

प्रस्तुत काव्य ग्रंथ "वातजातं नमामि" में हनुमान जन्म का वृतान्त भावनात्मक एवं काव्यशैली में वर्णित है। आप सभी गुणीजनों के आशीर्वाद से मैं डॉ० जगदीश पिल्लई इस काव्यकृति का संगीतमय प्रस्तुति देने का सरलतम प्रयास कर रहा हूँ।

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1. कथोद्गम

2. हनुमान-अवतरण

3. बाल हनुमान

4. किष्किन्धा में हनुमान

5. राम वन-आगमन

6. हनुमान-राम मिलन

7. सिय-सन्धान

8. वानर-राक्षस संग्राम

9. पाताल विजय

10. राम-रावण संग्राम

11.अयोध्या में राम-हनुमान

12. गन्धमादन गिरिवन में हनुमान

13. हनुमान-महिमा

 

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SHRIMATI VIDYA SINGH JI

POET

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SHRI. RAHUL SINGH JI

CURATOR & INSPIRATION

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DR. JAGADEESH PILLAI

ALAAP

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